क्‍या 2025 तक टीबी मुक्त हो पाएगा देश?

क्‍या 2025 तक टीबी मुक्त हो पाएगा देश?

सुमन कुमार

पिछले कुछ वर्षों से देश को टीबी मुक्‍त करने के लंबे चौड़े दावे किए जा रहे हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूटीओ ने पूरी दुनिया से 2030 तक टीबी यानी क्षय रोग को समाप्‍त करने का लक्ष्‍य रखा है मगर भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पांच साल पहले यानी 2025 तक ही भारत को टीबी से मुक्‍त करने का लक्ष्‍य निर्धारित कर दिया है। पिछले दो सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मंचों पर इस आशय की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि देश में टीबी के प्रसार को देखते हुए ये लक्ष्‍य हासिल होना मुश्किल ही लगता है।

आंकड़ों की बात करें तो भारत में पूरी दुनिया के टीबी मरीजों के 27 फीसदी मरीज अकेले भारत में पाए जाते हैं। जाहिर है कि ये बहुत बड़ा आंकड़ा है। इसी प्रकार अगर बीमारी की जांच, दवा और इलाज के पैमाने पर देखें तो भारत पूरी दुनिया के मुकाबले बहुत ही पीछे है। देश के तीन राज्‍य ओडिशा, झारखंड और उत्‍तर प्रदेश में टीबी की दवा ही पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध नहीं है। दुनिया की प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल लान्‍सेड के अध्‍ययन को मानें तो भारत में संसाधनों की जैसी कमी है उसे देखते हुए भले ही राजनीतिक इच्‍छाशक्ति कैसी भी हो, टीबी उन्‍मूलन की रफ्तार को कितना भी बढ़ा लिया जाए, भारत साल 2100 तक भी शायद ही टीबी से मुक्‍त हो पाए।

इसके बावजूद देश के भारी उद्योग व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार एक बार फि‍र दावा किया कि भारत वर्ष 2025 तक टीबी रोग से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा और पूरे देश में विशेषज्ञ इस दिशा में काम करने में जुट गए हैं। 

संसदीय कार्य राज्यमंत्री मेघवाल शनिवार को बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कालेज में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को 2030 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन की समयसीमा से पांच साल पहले, 2025 तक ही टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए देशभर में बड़े पैमाने पर योजना बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि बीकानेर के मेडिकल कालेज के टीबी व श्वसन रोग विभाग के साथ जिला क्षय अधिकारी के साथ मिलकर टीबी को खत्म करने की एक कार्य योजना बनाई गई है।

क्षेत्रीय सांसद ने बताया कि संभाग में टीबी रोगियों की संख्या,रोग की गंभीरता, उपचार के लिए चल रही सरकारी योजनाओं तथा मेडिकल कालेज स्तर पर चल रही रही जांच इत्यादि की जानकारी ली गई।

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